लोग जब अचानक बिछड जाते है


जो हम से जुदा हो जाते है हम उनकी याद मे जिन्दगी भर भटकते रह्ते है फिर चाहे वह कोई भी रिश्ता क्यों ना हो माता का पिता का भाई, बहन का या मित्रो का मिलना -बिछडना तो जीवन का नियम है विधि का विधान है | लोग मिलते है कुछ तो जिन्दगी भर साथ निभाते है और कुछ अचानक चले जाते है , हमारे सगे सम्बन्धि हमे हमेशा के लिए छोड जाते है और पता नही कहाँ चले जाते है फिर कभी वापस नही आते ,कभी-कभी जिन्दगी मे ऐसे भी मोड आते है कि हमारे अपने ही हम से रूठ जाते है और मुह फेर लेते है | तो क्या जिन्दगी ठहर जाती है ----नही ना जीना तो फिर भी पड़ता है ,अगर हम कहते है कि सारे गम भुला दो और परिस्थितियो का हँस कर सामना करो तो शायद हमारे मित्र कहेंगे कि हम सलाह तो बहुत अछछी देते है क्योंकी सलाह देनी तो बहुत आसान होती है पर जब अपने पर मूसीबत आती है तब पता चलता है पर हम किसी को सलाह नही दे रहे अपितु अपने अनुभव आप से बाँट रहे है ,सुख- दुख तो जीवन का हिस्सा है जो कि आपके और हमारे जीवन के साथ जुड़े है जब हम दुखि होते है तो ऐसा लगता है मानो हम से ज्यादा इस दुनिया मे कोई दुखि नही है ,पर सच तो यह है कि कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है जो पूर्णतया सुखी हो बल्कि कुछ तो ऐसे है जिनके सिर पर छत तक नही है पहनने को वस्त्र नही है ,तथा खाने को रोटि नही है पर फिर भी आशा है कि आने वाला समय बदल जाएगा बस इसी उम्मीद मे जिए जाते है,आशा पे ही दुनिया कायम है , अन्धकार के बाद प्रकाश होता है ,हर रात के बाद एक नया दिन होता है |


मिलना और जुदा हो जाना यह तो दुनिया का नियम है हम ने भी अपने माता-पिता को खोया है पर आज भी उनको अपने साथ ही मान कर चलते है जरुरत होती है अपनी सोच को बदलने की तो जीवन कुछ आसान हो जाता है ,यदि आप भी अपनी सोच मे थोडा परिवर्तन लाए तो जिन्दगी सरल हो जाएगी | यहाँ पर कुछ पंक्तिया मुझे याद आ रही है कि ---


"सुख भी तो तुम्हारे है ,दुख भी तो तुम्हारे है छोडू मै किसे भगवन,दोनो ही तुम्हारे है"


दुख और सुख सब भगवन कि देन है और हमारे हाथ मे कुछ नही है | दुखो से हमे प्रेरणा मिलती है कुछ कर दिखाने की यदि दुख ना हो तो सुख की अनुभूति ही कैसे होगी |

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